Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
इस बाबत राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर रिपोर्ट मांगी गई है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी सहित विपक्ष के अन्य नेताओं पर फर्जी मामले दर्ज करने के आरोपों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय सख्त हो गया है। इस बाबत राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर रिपोर्ट मांगी गई है।
केंद्रीय गृह अवर सचिव मृत्युंजय त्रिपाठी ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी को 10 मार्च को यह पत्र भेजा है। राज्य सचिवालय सूत्रों ने पत्र की प्रति मिलने की पुष्टि की है।
पता चला है कि नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी। इसी पत्र को प्रधानमंत्री कार्यालय से गृह मंत्रालय को अग्रेषित कर दिया गया, जिसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार से इस बाबत रिपोर्ट मांगी गई है।
पश्चिम बंगाल सरकार को भेजे गए पत्र में कहा गया है, "चूंकि पत्र में उठाया गया मुद्दा पश्चिम बंगाल सरकार से संबंधित है, इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि मामले को उचित रूप से देखा जाए और मामले में रिपोर्ट तुरंत प्रस्तुत की जाए।"
गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वे पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा उठाए गए मामले पर उचित रूप से गौर करें, जिसमें "पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे और मनगढ़ंत मामले दर्ज करने का आरोप लगाया गया है।"
इसके पहले शुभेंदु अधिकारी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें प्राथमिकी को रद्द करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद दिसंबर 2022 में, उच्च न्यायालय ने अधिकारी के खिलाफ दर्ज 17 प्राथमिकी पर रोक लगा दी और राज्य सरकार को उनके खिलाफ नए मामले दर्ज करने से रोक दिया था। जुलाई 2021 में, अधिकारी ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के तहत झूठे दावों के साथ मामले दर्ज किए गए थे।
दिसंबर 2022 में, अधिकारी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से संसद में उनके कक्ष में मुलाकात की और यह पता चला कि शाह के साथ बैठक के दौरान उन्होंने राज्य के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में उनके खिलाफ दर्ज 30 एफआईआर की एक सूची सौंपी।
अधिकारी ने निष्पक्ष जांच के लिए अपने खिलाफ आपराधिक मामलों को सीबीआई को स्थानांतरित करने के लिए रिट याचिका में भी गुहार लगाई थी।